सफलता पाने के लिए हमें कैसा जोख़िम उठाना चाहिए ?
हम सबों को ये तो पता है कि जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ जोख़िम उठाने पड़ते है। लेकिन किस तरह का जोख़िम ? ये विचार करने योग्य है।

दोस्तों ! जोख़िम भी बड़ा सोचसमझ कर उठाने पड़ते है। जोख़िम उठाने का मतलब बेवकूफी भरा जुआ खेलना और गैरजिम्मेदारी बरतना नहीं होता है। कई बार लोग लापरवाही और ऊटपटाँग हरक़तों को करना भी जोख़िम उठाना मान लेते है। और इसी वजह से जब उन्हें बुरे नतीजे मिलते हैं, तो वे अपनी किस्मत को गाली देते है।
जोख़िम का मतलब अलग-अलग इंसान के लिए अलग-अलग हो सकता है, और यह प्रशिक्षण का नतीजा भी हो सकता है। जैसे:- पहाड़ पर चढ़ना किसी प्रशिक्षित व्यक्ति और किसी नये व्यक्ति, दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन प्रशिक्षित व्यक्ति के लिए इसे गैरजिम्मेदारी भरा जोख़िम नहीं माना जा सकता। लेकिन उस नये व्यक्ति के लिए बिलकुल एक गैरजिम्मेदारी भरा जोख़िम है।
दोस्तों !,,, जिम्मेदार ढंग से जोख़िम उठाने के लिए ज्ञान, प्रशिक्षण, ध्यानपूर्वक अध्ययन, आत्म्विश्वास और काबिलियत की आवश्यकता होती है। क्योंकि ख़तरा सामने होने पर ये सारी चीजें हमें उसका सामना करने की हिम्मत और तकनीक देती है। जोखिम न उठाने वाला व्यक्ति कोई गलती तो नहीं करता, लेकिन, कोशिश न करना, कोशिश करके असफल होने से भी बड़ी गलती है।
कई लोगों में फैसला न ले पाने की आदत बन जाती है, और यह एक संक्रामक रोग की तरह फैलती है। ऐसे लोग फैसला न ले पाने की वजह से कई अवसरों से चूक जाते है। जोख़िम उठाइये, पर जुआ मत खेलिये। समझदारी के साथ जोख़िम उठाने वाले अपनी आँखें खुली रखके आगे बढ़ते है, जबकि जुआ खेलने वाले अँधेरे में तीर चलाते है। इसलिए जीवन में सफलता पाने के लिए जोख़िम उठाइये, परन्तु पूरी जानकारी और तैयारी के साथ।,,,,,
जोख़िम का मतलब अलग-अलग इंसान के लिए अलग-अलग हो सकता है, और यह प्रशिक्षण का नतीजा भी हो सकता है। जैसे:- पहाड़ पर चढ़ना किसी प्रशिक्षित व्यक्ति और किसी नये व्यक्ति, दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन प्रशिक्षित व्यक्ति के लिए इसे गैरजिम्मेदारी भरा जोख़िम नहीं माना जा सकता। लेकिन उस नये व्यक्ति के लिए बिलकुल एक गैरजिम्मेदारी भरा जोख़िम है।
दोस्तों !,,, जिम्मेदार ढंग से जोख़िम उठाने के लिए ज्ञान, प्रशिक्षण, ध्यानपूर्वक अध्ययन, आत्म्विश्वास और काबिलियत की आवश्यकता होती है। क्योंकि ख़तरा सामने होने पर ये सारी चीजें हमें उसका सामना करने की हिम्मत और तकनीक देती है। जोखिम न उठाने वाला व्यक्ति कोई गलती तो नहीं करता, लेकिन, कोशिश न करना, कोशिश करके असफल होने से भी बड़ी गलती है।
कई लोगों में फैसला न ले पाने की आदत बन जाती है, और यह एक संक्रामक रोग की तरह फैलती है। ऐसे लोग फैसला न ले पाने की वजह से कई अवसरों से चूक जाते है। जोख़िम उठाइये, पर जुआ मत खेलिये। समझदारी के साथ जोख़िम उठाने वाले अपनी आँखें खुली रखके आगे बढ़ते है, जबकि जुआ खेलने वाले अँधेरे में तीर चलाते है। इसलिए जीवन में सफलता पाने के लिए जोख़िम उठाइये, परन्तु पूरी जानकारी और तैयारी के साथ।,,,,,
Nice
ReplyDeleteAbsolutely right
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