जीतने वाले और हारने वाले व्यक्ति में अंतर क्या है ?
दोस्तों ! यह विषय केवल आदतों का खेल है, क्योंकि एक जीतने वाले और एक हारने वाले व्यक्ति के सोच और करनी में अंतर होता है जो कालांतर में एक अच्छी और एक बुरी आदत के रूप में उभर कर सामने आती है। और यही आदत दोनों को अलग रखती है।
जीतने वाला हमेशा समाधान का हिस्सा होता है, जबकि हारने वाला हमेशा समस्या का हिस्सा होता है। जीतने वाले के पास हमेशा कोई न कोई कार्यक्रम होता है और हारने वाले के पास हमेशा कोई न कोई बहाना होता है। जीतने वाले के पास हर समस्या का कोई न कोई हल होता है, और हारने वाले के पास हर समाधान के लिए भी समस्या ही होता है। जीतने वाला बोलता है कि यह काम मैं कर देता हूँ लेकिन हारने वाला बोलता है कि यह काम मेरा नहीं है।
कोई गलती करने पर जीतने वाला स्वीकार करता है, परन्तु हारने वाले अस्वीकार करता है। जीतने वाला वचनबद्ध होता है, और हारने वाला झूठा वादा करता है। जीतने वाले की आँखों में कामयाबी के सपने होते है। और हारने वाले के पास खोखली योजनाएँ होती है। जीतने वाले संभावनाओं को देखते है, लेकिन हारने वाले समस्याओं को देखते है।
जीतने वाला दूसरों की भावनाओं को महसूस करने में विश्वास करता है। क्योंकि वह मानता है कि दूसरों के साथ वैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, जैसा व्यवहार की उम्मीद हम दूसरों से अपने लिए नहीं करते। हारने वाला इसमें विश्वास करता है कि दूसरे आपके साथ कुछ करें, उससे पहले ही आप वह काम उनके साथ कर दे। जीतने वाला काम को अंजाम देते है, जबकि हारने वाला काम के होने का इंतजार करते है। जीतने वाला जीतने की योजना बनाते है, और तैयारी करते है। उनके लिए तैयारी ही सफलता का मूलमंत्र है।
दोस्तों !,,, इसलिए हमें जीवन में हमेशा अच्छी चीजों का तलाश करना चाहिए। हर काम तुरन्त करने की आदत डालनी चाहिए। अपने अंदर अहसानमंद होने का नजरिया बनाना चाहिए। निरन्तर ज्ञान हासिल करने का कार्यक्रम तैयार करना चाहिए। अच्छे स्वाभिमान का निर्माण करना चाहिए। नकारात्मक प्रभाव से दूर रहना चाहिए। जो काम जरुरी है, उसे पसंद करने की आदत डालना चाहिए। अच्छे ढंग से दिन की शुरुआत करनी चाहिए। एक बात हमेशा याद रखिये कि, "असफल होने पर आप निराश हो सकते है, लेकिन अगर आपने कोशिश ही नहीं की, तो आपका विनाश हो जाएगा।",,,,,,
आगे पढे : हमारे जीवन की सबसे बड़ी तोहफ़ा क्या है ?
Nice
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