जीवन में संगति का असर !
सुनने में तो यह बात साधारण सी लगती है लेकिन गंभीरता से सोचिये, कि, क्या आप दोस्ती करते हुये या साथ वक़्त बिताने के पहले यह सोचते है कि यह व्यक्ति मुझसे श्रेष्ठ है या नहीं ? क्या आप वाकई चुनकर दोस्ती करते हैं ? क्या आप जानते हैं कि वह सकारात्मक व्यक्ति है या नकारात्मक ?
दोस्तों, आप जिस तरह लोगों के साथ वक्त बिताते हैं, उससे आपके जीवन की ऊँचाई तय होती है। आप अतीत में झाँककर देखेंगे तो ऐसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य नजर आयेंगे जो आप नहीं कर पाये, क्योकि आपको लोगों ने हतोत्साहित कर दिया था। यदि आपने स्वयं पर यकीन किया होता तो शायद आप और ऊँचाई पर होते।
अक्सर हमारे परिचय के दायरे में ऐसे लोग होते हैं, जो नयी योजना का विध्वंस करने में माहिर होते हैं। ऐसे लोग जब बोलना शुरू करते है, सिर्फ मुश्किलों और नाकामियों की बात करते हैं। ऐसे लोग आपके घर में भी हो सकते है और बाहर भी। ऐसे लोगों के साथ संबंध तो रखिये परन्तु इनके साथ ज्यादा वक्त मत बिताइये, नहीं तो इनकी संगति आपके सपनों को असमय ही ख़त्म कर देगी।
दूसरों के बारे में सोचने के पहले यह प्रश्न आपको स्वयं से भी करना होगा कि आप किस श्रेणी के है। संगति के विषय में यह अटूट सत्य है कि -
* यदि आपको श्रेष्ठता हासिल करनी हैं तो स्वयं से श्रेष्ठ लोगों की संगति करनी होगी।
* यदि आप किसी क्षेत्र में शीर्ष पर पहुँचना चाहते है तो उस क्षेत्र में शीर्ष पर बैठे व्यक्ति की सोहबत कीजिये। यदि संगत करने का अवसर ना मिले तो अनुसरण कीजिये और उसी राह पर चलिये।
दोस्तों,,,, अपने से कमतर लोगों के साथ संगति करके बॉस बनने की बजाय अपने से अच्छे लोगों की संगति कीजिये, भले ही कुछ अवसरों पर आपको हीनता ही क्यों न महसूस हो। ,,,,,,, और आप भी निश्चित रूप से एक दिन श्रेष्ठ व्यक्ति बन पायेंगे।
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