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अपनी बुद्धि को बहानेबाजी से कैसे बचाएँ ?


अपनी बुद्धि को बहानेबाजी से कैसे बचाएँ ?

सफल लोगों की ज़िंदगी का जब आप अध्ययन करेंगे, तो आप उन सबमें एक बात पाएँगे कि:- असफल लोग जो बहाने बनाते हैं, सफल लोग भी वही बहाने बना सकते है, परन्तु वे बहाने नहीं बनाते हैं। तो आज हमलोग अपनी बुद्धि को बहानेबाजी वाली बिमारी से कैसे बचाएँ ? इसके लिए हम कुछ आसान तरीक़े अपना सकते है :-

* अपनी स्वयं की बुद्धि को कभी भी कम में न आँकें और दूसरों की बुद्धि को कभी जरुरत से ज्यादा में न आँकें। अपनी सेवाओं को सस्ते में न बेचें। अपने अच्छे बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें। अपने गुणों को खोजें। महत्व तो इस बात का है कि आप अपने दिमाग का किस तरह इस्तेमाल करते हैं। इस बात पर सिर ना पटके कि आपका आई क्यू कम है, बल्कि अपनी मानसिकता को सकारात्मक करें।

* अपने आपको बार-बार याद दिलाएँ कि " मेरी बुद्धि से ज्यादा महत्वपूर्ण है मेरा नजरिया।" नौकरी पर और घर पर सकारात्मक नजरिए का अभ्यास करें। काम टालने के तरीक़े खोजने के बजाय काम करने के तरीके खोजें। अपने आपमें "मैं जीत रहा हूँ" का रवैया विकसित करें। अपनी बुद्धि का रचनात्मक और सकारात्मक प्रयोग करें। अपनी बुद्धि का दुरूपयोग अपनी असफलता के अच्छे बहाने खोजने में न करें। अपनी बुद्धि का प्रयोग इस तरह करें कि आप जीत सकें।

* याद रखें कि तथ्यों को रटने से ज्यादा महत्वपूर्ण और बहुमूल्य है सोचने की योग्यता । अपने दिमाग को रचनात्मक बनाएँ और नये-नये विचार आने दें। काम करने के नये और बेहतर तरीके खोजते रहें। और खुद से पूछिए :- "क्या मैं अपनी मानसिक क्षमता का उपयोग इतिहास रचने में कर रहा हूँ या इतिहास रटने में ?"


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