सफलता के दौर में हम पीछे क्यों रह जाते हैं?
दोस्तों ! देश के अधिकांश युवा रातों रात लाखों-करोड़ों कमाना चाहता हैं। इसी वजह से आजकल लॉटरी का धंधा तेजी से फल फूल रहा हैं। हम अपनी इच्छाएँ झटपट पूरी करने के दौर में जी रहे है। आजकल हमें जगाने से लेकर सुलाने तक के लिए, यानी हर काम के लिए एक गोली उपलब्ध है। और लोग इसी एक गोली को खाकर अपनी दिक्कतों से छुटकारा पाना चाहते है। इसी तरह करोड़पति बनने के लिए लोग अपनी ईमानदारी का गला घोंटकर शॉर्टकट अपनाने से नहीं हिचकते।

लेकिन, इच्छा शीघ्रता से पूरी करने की चाह रखने वाले उसके परिणामों के बारे में नहीं सोचते। आज की पीढ़ी अच्छी ख़ुराक उसे मानती है, जिसके खाने से वजन 4 किलो घट जाए। वे ऐसे लोग है जो जन्मदिन मनाने के बजाय ज्यादा तोहफे पाना चाहते है।
यदि आप कल के बारे में सोचने के बजाय सिर्फ आज के बारे में सोचते है, तो यह दूरदर्शिता बिलकुल नहीं है। सिमित सोच के सहारे आप कोई भी सार्थक लक्ष्य कायम नहीं कर सकते है।
दोस्तों! अब हम उन बिंदुओं को जानेंगे जिसके कारण हम सफलता के दौर में पीछे रह जाते है:-
* लगातार कोशिश की कमी।
* इच्छा तुरन्त पूरी करने की चाह।
* प्राथमिकताएँ तय न करना।
* शॉर्टकट की तलाश।
* स्वार्थ और लालच।
* दृढ विश्वास की कमी।
* कुदरत के नियमों को न समझना।
* पिछली गलतियों से सीख न लेना।
* अवसर को न पहचान पाना।
* डर।
* प्रतिभा का उपयोग न कर पाना।
* अनुशासन की कमी।
* आत्मसम्मान की कमी।
* भाग्यवादी नजरिया।
* उद्देश्य और साहस की कमी।
यदि हम इन बिंदुओं से दूरी बनाकर निरंतर संघर्ष करते रहें, तो हमें दुनिया की कोई भी ताक़त सफलता के दौर में पीछे धकेल ही नहीं सकती। और हम निश्चित रूप से स्वयं को सफल व्यक्तियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देंगे।
यदि आप कल के बारे में सोचने के बजाय सिर्फ आज के बारे में सोचते है, तो यह दूरदर्शिता बिलकुल नहीं है। सिमित सोच के सहारे आप कोई भी सार्थक लक्ष्य कायम नहीं कर सकते है।
दोस्तों! अब हम उन बिंदुओं को जानेंगे जिसके कारण हम सफलता के दौर में पीछे रह जाते है:-
* लगातार कोशिश की कमी।
* प्राथमिकताएँ तय न करना।
* शॉर्टकट की तलाश।
* स्वार्थ और लालच।
* दृढ विश्वास की कमी।
* कुदरत के नियमों को न समझना।
* पिछली गलतियों से सीख न लेना।
* अवसर को न पहचान पाना।
* डर।
* प्रतिभा का उपयोग न कर पाना।
* अनुशासन की कमी।
* आत्मसम्मान की कमी।
* भाग्यवादी नजरिया।
* उद्देश्य और साहस की कमी।
यदि हम इन बिंदुओं से दूरी बनाकर निरंतर संघर्ष करते रहें, तो हमें दुनिया की कोई भी ताक़त सफलता के दौर में पीछे धकेल ही नहीं सकती। और हम निश्चित रूप से स्वयं को सफल व्यक्तियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर देंगे।
Hume safalta k liye mehnat karni chahiye.Lottry aur satte k fer me rahne se acha hai ki menat kre.Safalta jarur milegi
ReplyDeleteजी बिलकुल।
Deleteसराहनीय
ReplyDelete💐💐💐🙏🙏
DeleteDram 11 की तरफ एकदम ध्यान नही देना चाहिए।
ReplyDeleteYes boss
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