हमारे जीवन की सबसे बड़ी तोहफ़ा क्या है ?
क्या आपने कभी सोचा है कि:- दुनिया के सभी प्राणियों में मनुष्य शारीरिक रूप से सबसे कमजोर है। क्योंकि कोई आदमी चिड़िया की तरह उड़ नहीं सकता, चिता की तरह तेज दौड़ नहीं सकता, घड़ियाल की तरह तैर नहीं सकता और बन्दर की तरह पेड़ पर चढ़ नहीं सकता।
यहाँ तक कि इंसानों की आँख चील की तरह तेज़ नहीं होती, और ना ही उनके पंजे और दाँत जंगली बिल्ली की तरह मजबूत होते है। इतना उदाहरण देने का मक़सद यह है कि जिस्मानी तौर पर इंसान बेहद लाचार और असुरक्षित होता है। वह एक छोटे से कीड़े के काटने से मर सकता है। लेकिन ईश्वर बड़े समझदार और दयालु है। उन्होंने इंसान को जो सबसे बड़ा तोहफा दिया है, वह है,, सोचने की क्षमता।
इंसान अपना माहौल ख़ुद बना लेता है, जबकि जानवरों को माहौल के हिसाब से ढलना पड़ता है। लेकिन, दोस्तों !,,, बड़ी दुःख की बात है कि ईश्वर के इस सबसे बड़े तोहफे का पूरा इस्तेमाल बहुत कम लोग कर पाते है।
असफल लोग दो तरह के होते है :- एक वे जो करते तो है लेकिन सोचते नहीं है। दूसरे वे जो सोचते तो है लेकिन कुछ करते नहीं है। सोचने की क्षमता का इस्तेमाल किये बिना जिंदगी गुजारना वैसा ही है, जैसे की बिना निशाना लगाए गोली दागना। इसलिए हमें ईश्वर की दी हुई इस बेशकीमती तोहफे का पूरा इस्तेमाल करते हुए अपने कर्म को निरंतर आगे बढ़ाना चाहिए।
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