Blood clotting (रुधिर स्कंदन) क्या है ? और कैसे होती है ?
जब शरीर के किसी कटे हुए भाग से blood बाहर निकलता है, तब यह jelly के रूप में कुछ ही मिनटों में जम जाता है, इस क्रिया को Clotting (स्कंदन) कहते है।
Blood का थक्का बनने की क्रिया एक जटिल क्रिया है। जब किसी स्थान से रुधिर बहने लगता है और blood वायु के सम्पर्क में आता है, तो Blood में उपस्थित Thrombocytes टूट जाता है। एवं इससे एक विशिष्ट रासायनिक पदार्थ मुक्त होकर blood के protein से क्रिया करता है तथा Prothromboplastin नामक पदार्थ में बदल जाता है।
यह Prothromboplastin , blood के calcium आयन से क्रिया करके Thromboplastin बनाती है। Thromboplastin, calcium ion (Ca++) तथा Triptase नामक Enzyme के साथ क्रिया करके निष्क्रिय Prothrombin को सक्रिय Thrombin में परिवर्तित कर देता है। ,,,, यह सक्रिय Thrombin रुधिर के protein fibrinogen पर क्रिया करता है और उसे fibrin में बदल देता है। fibrin बारीक़ एवं कोमल filaments का जाल बनाता है। यह जाल इतना सूक्ष्म होता है कि इसमें blood के कण (अधिकांश RBC) फँस जाती है और एक लाल अर्द्ध ठोस पिण्ड की तरह बन जाती है, जिसे रुधिर थक्का कहते है।
Blood clotting के बाद कुछ पीला सा पदार्थ रह जाता है, जिसे Serum कहते है। Serum का थक्का नहीं बन सकता है, क्योंकि इसमें fibrinogen नहीं होता है। शरीर के अंदर blood में एक Anti clotting पदार्थ भी होती है, जो हमारे शरीर के अंदर के blood को जमने से रोकता है, जिसे Heparin के नाम से जाना जाता है। यह Prothrombin के उत्प्रेरण को रोकता है।
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