मानव जीवन में अज्ञानता क्या है ?
दोस्तों !,, जानकारी का भ्रम होना शिक्षा नहीं बल्कि अज्ञानता है। बेवकूफ लोगों के पास एक अजीब तरीके का आत्मविश्वास होता हैं, जो सिर्फ अज्ञानता से ही आता है। अज्ञानी होना बुरी बात नहीं है, परन्तु अज्ञानता को अपना कैरियर बना लेना यक़ीनन बेवकूफी है। कुछ लोग अज्ञान संग्रहित कर लेता है, और फिर उसी को शिक्षा मानने की भूल कर बैठते हैं।
अज्ञानता वरदान नहीं है। यह तो अभाव, दुःख, गरीबी और बीमारी का दूसरा नाम है। यदि अज्ञानता कोई सिद्धांत है, तो अधिकतर लोग खुश क्यों नहीं है ? यदि थोड़ा सा ज्ञान होना खतरनाक है, तो निश्चित रूप से बहुत सी अज्ञानता छोटापन, डर, कट्टरपन, अहंकार और पक्षपात की ओर ले जाता है। इसलिए समझदारी अज्ञानता के अंधकार को मिटाने को कहते है।
हमलोग सूचना युग में जी रहे है। एक सर्वे के अनुसार सूचना की मात्रा प्रतिवर्ष दुगुनी होती जा रही है। सूचनाओं के इतनी सरलता से उपलब्ध होने के कारण इन दिनों अज्ञानता को मिटाना आसान है। लेकिन दुःख की बात यह है कि हमें जरुरत की चीजों को छोड़कर बाकी के सभी चीज सिखाई जाती है। हमें पढ़ना-लिखना तो सिखाया जाता है, लेकिन ऐसी बौद्धिक शिक्षा किस काम की, जो इंसान को दूसरों की इज्जत करना और हमदर्दी से पेश आना न सिखाए।
एक शिक्षक होने के नाते मैंने यह अनुभव किया है कि हमारा विद्यालय , ज्ञान का झरना है। जहाँ कुछ छात्र अपनी प्यास मिटाने, कुछ चुस्की भरने और कुछ केवल कुल्ला करने जाते है। बेंजामिन फ्रैंकलिन इस विषय में लिखते है कि :- "अज्ञानी होना उतनी शर्म की बात नहीं है जितनी कि किसी काम को सही ढंग से सीखने की इच्छा न होना।" इसलिए अगर हमारे अन्दर कुछ अच्छा कर गुजरने की चाहत सशक्त हो तो अज्ञानता बिलकुल दूर हो सकती हैं।,,,,
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