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अच्छी पुस्तकों को साथी बनाकर रखें!


अच्छी पुस्तकों को साथी बनाकर रखें!

आपने कभी सोचा है कि आप अपने शरीर को सजाने और सँवारने में प्रतिदिन कितना वक्त लगाते है ? एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार सजना, संवरना और शॉपिंग मिलाकर औसतन 15 घंटे हर हफ्ते लगते है।

जब शरीर के सौंदर्य एवं स्वास्थ्य के लिए हम प्रतिवर्ष 720 घंटे देते हैं, तो यह प्रश्न उठता है, उस छोटे से दिमाग को विकसित करने के लिये कितना वक्त देते है, जो सारे शरीर को चलाता है ?

मैं अनेक ऐसे लोगों को भी जानता हूँ जो हजारों खर्च कर देने में एक पल की भी देरी नहीं करते, लेकिन एक पुस्तक खरीदना उनको फिजूलखर्च लगता है। वो सीडी को 10 रुपये में डुप्लीकेट करने का रास्ता ढूँढते है।

दोस्तों,,,,, यदि आपने बड़े सपने देखे है और उन्हें वाकई पाना चाहते है, तो आपको मानसिक सौंदर्य पर काम करना होगा। इसके अनेक रास्ते हो सकते है। आप श्रेष्ठ पुस्तकें पढें। आप श्रेष्ठ लोगों के साथ रहें। आप श्रेष्ठ घटनाओं के साक्षी बनें। श्रेष्ठ लोगों का साथ हर पल मिल पाना संभव नहीं होता लेकिन एक अच्छी पुस्तक आपको हर क्षण प्रेरित कर सकती है। इसलिए हमें अच्छी पुस्तको को दोस्त बनाकर हर पल साथ रखना चाहिए। जिससे हमारी मानसिक सौंदर्य हमेशा संतुलित एवं सुसज्जित बनी रहेगी।,,,,,



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