Amphibia (उभयचर) वर्ग में किस प्रकार के जीव होते हैं ?
Amphibia (उभयचर) वर्ग में उन जीवों को सम्मिलित किया गया है, जो जल एवं स्थल दोनों पर निवास करते हैं। ये प्रथम नियततापी है, जो जैव विकास की प्रक्रिया में स्थल पर आए। इस वर्ग में लगभग 3000 जीव प्रजातियाँ सम्मिलित हैं।
इनका शरीर, सिर तथा धड़ में विभाजित होता है। इनकी त्वचा नमीयुक्त तथा शल्क रहित होती है। ये जीव फेफड़ो, मुख, गुहा तथा गलफड़ों की त्वचा के माध्यम से श्वसन करते हैं। जिसे त्वचीय श्वसन कहा जाता है।
उभयचर जीवों का हृदय तीन Chambers में विभाजित होता है। जिसमें दो अलिंद(Auricles) तथा एक निलय (Ventricle) होता है। इनकी आहारनाल (Alimentary canal), मूत्र नली तथा प्रजनन गुहा शरीर के बाहर एक ही कोष में खुलते हैं जिसे Cloaca कहते है।
इन जीवों में अन्य कशेरुकी प्राणियों के समान विकसित तांत्रिक तंत्र पाया जाता है, जिसके अंतर्गत Central brain, Spinal cord तथा संपूर्ण शरीर में Nerves उपस्थित होती हैं। उभयचर प्राणियों में male तथा female दोनों पृथक होते है। इनमें निषेचन शरीर के बाहर होता है। अधिकतर उभयचर ताजे जल में जबकि कुछ उभयचर भूमि पर अंडे देते हैं और उनके विकास के दौरान उन्हें नम (Moist) रखते हैं।
इन जीवों की आँखों पर सामान्यतः एक जोड़ी से अधिक पलकें होती हैं। मेढकों में 3 जोड़ी पलकें होती हैं। जिनमें से एक पारदर्शी (Transparent) जबकि शेष दो परतें अर्द्ध पारदर्शी अथवा अपारदर्शी होती हैं। उभयचर वर्ग के कुछ जीव निम्न है - Frog, Toad, Mudpuppy, Salamander, Golden Mantella, Hyla, Mountain chicken etc.
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