हमेशा वही सोचिए ! जो आप पाना चाहते है !

" व्यक्ति अपने विचारों का परिणाम होता है, जो वह सोचता है, वही बन जाता है। " यह कथन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया है। दोस्तों,,, हमें यहाँ जोरदार यकीन रखना होगा कि संसार की महान हस्तियाँ यदि सोच को इतना ताकतवर मानती हैं, तो वह सत्य ही होगा। यदि यह सत्य है, तो हर विचार बेशकीमती है, जिसका महान लोगों ने अनुकरण किया हैं। इस दुनिया की रीत के अनुसार हर बेशकीमती चीज सोच समझकर खर्च की जाती है, तो विचारों को इंसान इतने हल्के में क्यों लेता है?
यदि विचार में इतनी शक्ति है, तो हर बार सोचने के पहले मन में यह प्रश्न आना चाहिए कि यह विचार जीवन को सँवारेगा या बिगाड़ेगा। मनोविज्ञान के विशेषज्ञ कहते है कि जो आप लगातार सोचते है, पुरे समर्पण से सोचते हैं, पूरी शक्ति से सोचते हैं, वैसे ही परिणामों को आप अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि यह सत्य है तो क्या हर विचार को जीवन में स्थान देने के पूर्व आप सोचते हैं कि आप वैसे ही परिणाम पाना चाहते हैं या नहीं ?
यदि सोच वाकई इतनी शक्तिशाली है, यदि सोचा हुआ हकीकत बन सकता है, यदि सोचने में पैसा नहीं लगता, यदि सोच जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकती है, तो दुनिया का हर इंसान हमेशा वह क्यों नहीं सोचता, "जो वह पाना चाहता है।"
दोस्तों,,,, सिर्फ सोच ही इतनी शक्तिशाली होती है जो सही और गलत में भेद कर सकती है, जो व्यक्ति को ऊपर उठा सकती है और नीचे गिरा भी सकती है। तो, यह बेहद जरुरी है कि आप अच्छा सोचें। जब आप अच्छा सोचते हैं, तो वह तरंगे ब्रह्माण्ड में फैलती हैं, और इच्छित लक्ष्यों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।,,,
यदि विचार में इतनी शक्ति है, तो हर बार सोचने के पहले मन में यह प्रश्न आना चाहिए कि यह विचार जीवन को सँवारेगा या बिगाड़ेगा। मनोविज्ञान के विशेषज्ञ कहते है कि जो आप लगातार सोचते है, पुरे समर्पण से सोचते हैं, पूरी शक्ति से सोचते हैं, वैसे ही परिणामों को आप अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यदि यह सत्य है तो क्या हर विचार को जीवन में स्थान देने के पूर्व आप सोचते हैं कि आप वैसे ही परिणाम पाना चाहते हैं या नहीं ?
यदि सोच वाकई इतनी शक्तिशाली है, यदि सोचा हुआ हकीकत बन सकता है, यदि सोचने में पैसा नहीं लगता, यदि सोच जीवन को सुखमय और समृद्ध बना सकती है, तो दुनिया का हर इंसान हमेशा वह क्यों नहीं सोचता, "जो वह पाना चाहता है।"
दोस्तों,,,, सिर्फ सोच ही इतनी शक्तिशाली होती है जो सही और गलत में भेद कर सकती है, जो व्यक्ति को ऊपर उठा सकती है और नीचे गिरा भी सकती है। तो, यह बेहद जरुरी है कि आप अच्छा सोचें। जब आप अच्छा सोचते हैं, तो वह तरंगे ब्रह्माण्ड में फैलती हैं, और इच्छित लक्ष्यों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।,,,
आगे पढे : अंतरात्मा की तृप्ति ! कैसे ?
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