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Anaerobic respiration (अवायवीय श्वसन) क्या है ?


Anaerobic respiration (अवायवीय श्वसन) क्या है ?
 
श्वसन क्रिया में ग्लूकोज अणुओं का ऑक्सीकरण कोशिकाओं में होता है। इसीलिए इसे कोशिकीय श्वसन भी कहते हैं। सम्पूर्ण कोशिकीय श्वसन को दो अवस्थाओं - अवायवीय श्वसन तथा वायवीय श्वसन में विभाजित किया जा सकता है।

Anaerobic respiration (अवायवीय श्वसन):- यह श्वसन का पहला चरण है, जिसके अन्तर्गत ग्लूकोज का आंशिक विखण्डन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। इस क्रिया में एक अणु ग्लूकोज से दो अणु Pyruvate(pyruvic acid) का निर्माण होता है। यह क्रिया Cytoplasm में होती है तथा इसका प्रत्येक चरण विशिष्ट Enzyme के द्वारा उत्प्रेरित होता है।

इस क्रिया में चूँकि glucose अणु का आंशिक विखण्डन होता है, अतः उसमें निहित ऊर्जा का बहुत छोटा भाग ही मुक्त हो पाता है। शेष ऊर्जा Pyruvate के बंधनों में ही संचित रह जाती है।

Pyruvate ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ethanol एवं corbon di oxide में परिवर्तित हो जाता है। यह क्रिया Fermentation कहलाती है। जो Yeast में होता है।

Oxigen के अभाव में पेशियों में Pyruvate से Lactic acid का निर्माण होता है। पेशी कोशिकाओं में अधिक मात्रा में Lactic acid के संचय से दर्द होने लगता है। बहुत ज्यादा चलने या दौड़ने के बाद मांसपेशियों में इसी कारण से cramp होती है। यहाँ तक की क्रिया अवायवीय श्वसन कहलाती है।

इसके बाद ऑक्सीजन की उपस्थिति में pyruvate का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है एवं CO2 तथा जल का निर्माण होता है। चूँकि यह क्रिया ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है, इसलिए इसे वायवीय श्वसन कहते है।

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