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Cell Theory (कोशिका सिद्धांत) क्या हैं?


Cell Theory (कोशिका सिद्धांत) क्या हैं?
Cell (कोशिका) के विस्तृत अध्ययन के साथ Cell Theory की परिकल्पना का जन्म हुआ। इस परिकल्पना के अनुसार- जीवधारियों की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कोशिका होती है। अतः 19वी शताब्दी में सूक्ष्मदर्शी तथा उसमें प्रयुक्त लेंसों की गुणवत्ता में सुधार के कारण कोशिका का अध्ययन सम्भव हो पाया। इस सन्दर्भ में Oken, Lamark, Amici, Meyer का योगदान अतुलनीय है।

परन्तु Cell Theory (कोशिका सिद्धांत) के प्रतिपादन का वास्तविक श्रेय M. J. Schleiden तथा Theoder Schwann नामक दो वैज्ञानिकों को जाता है।

Schleiden जर्मन के Botanist तथा Schwann जर्मन के ही Zoologist थे। इन दोनों ने मिलकर वर्ष 1839 में Cell Theory को प्रस्तुत किया। इस सिद्धांत के अनुसार--

* प्रत्येक जीव का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं का बना होता है।

* प्रत्येक जीव की उत्पत्ति एक कोशिका से हुई है।

* प्रत्येक जीव की प्रत्येक कोशिका एक स्वतंत्र इकाई है एवं सभी कोशिका मिलकर कार्य करती है। जिसके फलस्वरूप एक जीव बनती है।

* कोशिकाओं की उत्पत्ति जिस क्रिया से होती है उसमें केन्द्रक मुख्य कार्यकर्त्ता या सृष्टिकर्त्ता के रूप में भाग लेता है।

कुछ जीव कोशिका सिद्धांत का अनुपालन नहीं करते है। उनकी विशिष्ट संरचना कोशिका सिद्धांत के तथ्यों का अपवाद है, जैसे - Virus (विषाणु) को सजीव एवं निर्जीव के बीच की कड़ी मानी जाती है। Virus संक्रामक परजीवी है जो स्वतंत्र अवस्था में निष्क्रिय होते है और निर्जीव के समान व्यवहार करते है।परन्तु,अनुकूल वातावरण प्राप्त होने पर सक्रिय हो जाते है और सजीव के समान व्यवहार करते है।

Virus केवल Nucleic acid (न्यूक्लिक अम्ल) अर्थात DNA या RNA से निर्मित होते है, जिसके चारों ओर प्रोटीन का आवरण होता है। ये जीव अपने विकास के क्रम में कोशिका की अवस्था तक नहीं पहुँच पाए, इसलिए इन पर कोशिका सिद्धांत के तथ्य लागू नहीं होते है।



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