वर्तमान को जी भरके जियो ! और हमेशा खुश रहो !

एक दफ्तर में एक दंपति साथ में काम करते थे। उस जोड़े को इस बात का तनाव था कि उनके बच्चे का आई. आई. टी. में एडमिशन होगा या नहीं। वह जोड़ा देखने में एकदम युवा था। पूछने पर सभी लोग ठहाका मार कर हँसने लगे, जब उन्होंने बताया कि उनका बच्चा अभी नर्सरी में है। वो अभी से उसके आई. आई. टी. एडमिशन के लिये तनावग्रस्त हैं।
एक युवा मृत्यु से भयभीत थे। ऑफिस के हमउम्र सहकर्मी की असामयिक मौत ने उनको भीतर तक हिला दिया था। उन्होंने 32 वर्ष की उम्र में वसीयत बना ली है। मामूली सर दर्द होने पर भी उन्हें ब्रेन ट्यूमर का भय होता है और पेट दर्द होने पर कैंसर का। उनकी जिंदगी चिंता की वजह से चिता की ओर बढ़ रही है।
महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि आखिर हम वर्तमान ठीक से क्यों नहीं जी पाते? बीते हुये कल, अथवा आने वाला कल की चिंता में वर्तमान की बलि क्यों चढ़ा देते है?
ख़ुशी भीतर से पैदा होती है। उसे आप स्थायी रूप से खरीद नहीं सकते, उसे आप जीत नहीं सकते, उसे आप वसीयत में नहीं पा सकते। ख़ुशी किसी दवा के रूप में नहीं आती, ख़ुशी को आप ताला लगाकर नहीं रख सकते, ख़ुशी आपको शिकायत से नहीं मिल सकती। लेकिन, ख़ुशी आप पैदा कर सकते है। ख़ुशी को आप आज और अभी जी सकते है। आप कही भी खुश रह सकते है बशर्ते आप खुश रहना चाहें।
पूरी ख़ुशी या आधी ख़ुशी जैसी कोई चीज नहीं होती। ख़ुशी सिर्फ ख़ुशी होती है। यदि आप यह सोचते है कि जिस दिन मुझे अमुक चीज हासिल होगी तो मैं खुश रहूँगा, तो यकीन मानिये आप जीवन भर असंतुष्ट रहेंगे।
आप 'आज' का धन्यवाद करते हुए जिंदगी जी सकते है। आप स्वस्थ है, आपके पास घर है, हँसने बोलने के लिये परिवार है, रोजी-रोटी कमाने के लिये हुनर है, साथ देने के लिये दोस्त है, क्या यह खुश रहने का कारण नहीं है ? इतना ही पढ़कर आपका अंतर्मन आंदोलित हो रहा है, क्या ये ख़ुशी का कारण नहीं है ? सब कुछ छोड़िये, क्या आप आज तक जिन्दा है, यह खुशी का कारण नहीं है।
दोस्तों,, प्रैक्टिकल बनिए और इस सच को स्वीकार कीजिए कि इस दुनिया में कोई भी शत प्रतिशत सुखी नहीं हो सकता। इसलिये हर क्षण को डट कर जियो, जम कर जियो, ख़ुशी से जियो, मुस्कराहट के साथ जियो, उल्लास से जियो और अपने आस-पास के लोगों को प्रसन्न करते हुए जियो।
""बीते हुए कल से सीखो, आने वाले कल को प्लान करो और आज को डटकर जियो।"" ,,,,,,,,,
आगे पढे : बड़े लोगों की बड़ी सोंच ।
वर्तमान में हीं जीना चाहिए
ReplyDeleteबिलकुल,,,,,,
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