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आपके पास उम्मीद है, तो जीवन में सबकुछ हैं !

आपके पास उम्मीद है, तो जीवन में सबकुछ हैं !

दोस्तों,, धन की कमी से बड़ा संकट है, " उम्मीद की कमी"। यदि आपके अन्दर उम्मीद जिन्दा है, यदि आप आशावादी है, तो समृद्धि को पुनः जीवन में प्राप्त कर सकते है। आपके पास उम्मीद है, तो ही आप जीवन में "संभावनाओं" पर चिंतन कर सकते है। यदि उम्मीद ही नहीं रही, तो संभावनाओं के जिन्दा रहने का प्रश्न ही नहीं उठता है।

आज मैं कई वर्ष पहले जापान में घटी एक सच्ची छोटी कहानी बता रहा हूँ। ध्यान से पढियेगा!,,,, किसी दस वर्ष पुराने एक मकान में परिवर्तन करने के लिए एक दीवार को तोड़ने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। अचानक मजदूरों ने देखा कि दीवार के भीतरी हिस्से में एक छिपकली गड़ी हुई है। उसे जिन्दा देख सभी हैरान हो गए।

मकान मालिक भी यह देखकर दंग रह गया। और सोंचने लगा कि दस साल पहले किसी को दीवार में चुन दिया गया हो और वह जिन्दा हो। यह एक हैरतअंगेज बात थी। सब के सब अचरज में थे कि आखिर इस छिपकली को भोजन व पानी कहाँ से मिलता है।

कुछ देर बाद सबकी आँखे फटी रह गयी, जब उन्होंने एक दूसरी छिपकली को अपने मुँह में खाना दबाए आते देखा। दीवार के एक छोटे छेद से उसने इस छिपकली के मुँह में भोजन पहुँचा दिया। ,,,,,,, यह सोंचकर सबके रोंगटे खड़े हो गये कि दस साल तक रोज वह छिपकली दीवार में फँसी साथी छिपकली को जिन्दा रखने के लिये भोजन लाती रही। सिर्फ उम्मीद के भरोसे उसने अपने साथी को इतने साल जिन्दा रखा।

यह अदभूत कहानी एक अमूल्य संदेश देती है कि जब तक जिंदगी में आखिरी किरण है, शरीर में आखिरी सांस है, तब तक उम्मीद मत छोड़ो। उम्मीद है तो जिंदगी है। आपकी उम्मीद और विश्वास आपके साथ अन्य लोगों को भी जिंदगी दे सकता है।

इसलिए आप चाहें जितनी भी मुश्किलों से घिरे हो, हमेशा याद रखिएगा कि दुनिया में कोई भी मुश्किल स्थायी नहीं होती। अपनी उम्मीदे जिन्दा रखिये, डटे रहिये, हर अंधेरी रात के बाद खूबसूरत सवेरा होना निश्चित है। लेकिन यह भी याद रखिए कि बिना कार्य किये सिर्फ उम्मीद रखने से हल नहीं निकलेगा। उस छिपकली ने दस साल तक अपनी साथी छिपकली को भोजन पहुँचाने के लिये अथक मेहनत की। चूँकि वह भोजन पहुँचाती रही, इसलिये उसका उम्मीद रखना जायज था।

दुनिया में ऐसे अनेक सारे लोग हैं जो घर बैठे यह उम्मीद पाले रहते है कि एक दिन उन पर किस्मत मेहरबान होगी या कभी न कभी उनका भी दिन आएगा। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो उम्मीद तो बड़ी रखते है परंतु उनका कर्म उस उम्मीद के अनुपात में नहीं होता है, इसलिए वे मन के अनुकूल ऊँचाई प्राप्त नहीं कर पाते है। बड़े सोंच वाले सफल लोग कहते है कि उम्मीद रखिये और अपनी उम्मीद को हकीकत में बदलने के लिये उतना ही कर्म करते रहिये।।।।

"दोस्तों, निरंतर कर्म करते रहिये, क्योकि एक सुनहरा भविष्य आपकी प्रतिक्षा में हैं!"

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