Header Ads

Lysosome - कोशिका की आत्महत्या की थैली क्यों ?

Lysosome - कोशिका की आत्महत्या की थैली क्यों ?

Lysosome जन्तु कोशिका में पायी जाने वाली एक रचना है, जिसे 1958 में Christian-de-Duve ने Cytoplasm (कोशिकाद्रव्य) में देखा था। यह बहुत ही सूक्ष्म cell organelle (कोशिकांग) है। जो छोटी-छोटी vesicles के रूप में पाये जाते है।

Lysosome के चारों तरफ एक पतली झिल्ली होती है। इसका आकार बहुत छोटा थैली जैसा होता है। जो आकार में लगभग 0.2 माइक्रोन से 0.8 माइक्रोन के बीच होता है। Lysosome प्रायः Endoplasmic reticulum तथा Golgy body के द्वारा बनता है।

Lysosome के अंदर Dense एवं Granular fluid (द्रव) पाया जाता है। इस fluid में Hydrolytic enzyme पाया जाता है। जो acidic माध्यम में अधिक सक्रिय होते है। इसलिये इसे Acidic hydrolase भी कहते है। इस Enzyme में Cytoplasm को घुला देने या नष्ट कर देने की क्षमता होती है।

Cellular metabolism (कोशिकीय उपापचय) में व्यवधान होने के कारण जब cell (कोशिका) क्षतिग्रस्त होती है, तो Lysosome फट जाते है और इसमें उपस्थित Enzyme अपनी ही cell को Digest कर देते है। जिसके फलस्वरूप cell की मृत्यु हो जाती है। इसलिए Lysosome को Suicidal bag of cell ( कोशिका की आत्महत्या की थैली) भी कहा जाता है।

यह cell में प्रवेश करने वाले बड़े कणों एवं बाह्य पदार्थों का पाचन करता है। ये protein synthesis (प्रोटीन निर्माण) में भी सहायक होते है। यह intercellular material (अंतःकोशिकीय पदार्थ) तथा cell organelles (कोशिकांग) के टूटे फूटे भाग को Digest कर cell को साफ़ रखने में मदद करता है। Lysosome,, Bacteria एवं Virus से भी cell की रक्षा करता है। ये Plant cells (पादप कोशिकाओं) में नहीं पाये जाते हैं।

3 comments:

Powered by Blogger.