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लोगों के प्रति हमारी सोच कैसी होनी चाहिए ?

     

लोगों के प्रति हमारी सोच कैसी होनी चाहिए ?



किसी महान दार्शनिक ने कहा है कि :- सफलता दूसरे लोगों के सहयोग पर निर्भर करती है। आपके और आपके लक्ष्य के बीच एकमात्र बाधा दूसरों का सहयोग है। और सहयोग किसी के प्रति बुरा सोच रखने से बिलकुल नहीं मिलती। इसलिए सफलता हासिल करने का यह मूलभूत नियम है कि, "लोगों के बारे में हमेशा अच्छा सोचें।"

एक राजनेता अपने चुनाव के लिए मतदाताओं पर निर्भर होता है। एक लेखक अपनी पुस्तकों की बिक्री के लिए पाठकों पर निर्भर होता हैं। इतिहास में ऐसे भी समय रहे है जब व्यक्ति ने केवल अपनी ताक़त के दम पर सत्ता हासिल की है। उस दौर में या तो व्यक्ति, लीडर के साथ सहयोग करता था, या फिर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जाता था। लेकिन अब समय बदल चुका है, अब यह जान लें कि आजकल या तो कोई व्यक्ति आपको अपनी इच्छा से सहयोग देगा या फिर वह आपको बिलकुल भी सहयोग नहीं देगा।

तो अब प्रश्न यह उठता है कि मैं किस तरह उन लोगों को प्रेरित करूँ कि वे मुझे सहयोग दें और मुझे लीडर मानें। इसका सीधा सा जवाब होगा :- "लोगों के बारे में हमेशा अच्छा सोचें !" जब आप लोगों के बारे में अच्छा सोचेंगे तो वे आपको पसंद करेंगे और आपको सहयोग भी देंगे।

दोस्तों !,, हमें यह बात ठीक से समझ लेना चाहिए कि, किसी आदमी को ऊपर की तरफ खिंचा नहीं जाता है। इसके बजाय, उसे बस सहारा दिया जाता है। आज के दौर में किसी के पास इतनी फुरसत या इतना धीरज नहीं है कि वह किसी दूसरे को नौकरी की सीढ़ी पर ऊपर खिंचे। किसी व्यक्ति को इसलिए चुना जाता है क्योंकि वह बाकी सभी लोगों से ऊँचा नजर आता है।

हमें ऊपर की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए सहारा तब दिया जाता है जब लोगों को यह लगता है कि वे हमें पसंद करते हैं। आप जब भी एक अच्छे दोस्त बनाते हैं, तो आपको थोड़ा सा ऊपर जरूर उठा देता है। और चूँकि आप पसंद किए जाते हैं, इसलिए ऊपर उठाते समय सामने वाले को वज़न भी नहीं लगता है।,,,,, दोस्तों !,, हमारा दूसरों के प्रति सरल व्यवहार ही हमें सफलता का सरल मार्ग प्रदान कर सकती है।,,,,,


आगे पढे : क्या सभी शिक्षित लोग सही निर्णय ले पाते हैं ?

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