सकारात्मक विचारों का सृजन कैसे करें ?
हम सभी लोग बचपन में जो भी विचार अपनाते हैं, वो जीवन भर हमारे साथ रहता है। इसमें कोई शक़ नहीं है कि बचपन में हमारे लिए सकारात्मक विचार बनाना बहुत आसान होता है। अगर पैदाइशी मिज़ाज और हुनर के मेल से हमारा विचार सकारात्मक बन गया है, तो हम वाकई में खुशकिस्मत है।
लेकिन जानबूझ कर या हालात की वजह से हमारा विचार नकारात्मक बन गया हो तो क्या हम उससे चिपके रहेंगे ? ऐसा कभी नहीं ! क्या इसे बदला जा सकता है ? इसका सीधा सा जवाब है :- "हाँ"। क्या ऐसा करना आसान होगा ? ,, बिलकुल नहीं ! क्या यह करना लायक है ? निःसन्देह !
हम सकारात्मक विचार कैसे बना सकते है, और कैसे बरकरार रख सकते है ? इसके लिए हमें :-
* सकारात्मक विचार बनाने के वसूलों से परिचित होना पड़ेगा।
* सकारात्मक विचार नियमित रखने की इच्छा पैदा करनी होगी।
* इन वसूलों को अमल में लाने के लिए अनुशासित तथा कर्तव्यनिष्ठ होना होगा।
हमें जैसा भी माहौल, शिक्षा और हुनर मिला हो, परन्तु बड़े होने के बाद हमारे विचार एवं सोच के लिए कौन जिम्मेवार है ? स्वयं हम। हमें अपने व्यवहार और कामों की जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी। कुछ लोग किसी गलती के लिए स्वयं को छोड़कर बाकी सभी लोगों को दोषी ठहराते हैं। यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हर सुबह हम अपना विचार स्वयं चुनें।
नकारात्मक विचार वाले लोग अपनी असफलताओं के लिए अकसर माँ-बाप, शिक्षक, जीवनसाथी, बॉस, सितारों, तक़दीर, आर्थिक स्थितियों और सरकार,,,, यानी खुद को छोड़ पूरी दुनिया को जिम्मेदार ठहराते रहते है।
दोस्तों!,, हमको अपने बीते दिनों से आज़ाद होना होगा। हमें अपनी शख़्सियत पर जमी हुई धूल को झाड़कर मुख्य धारा में शामिल होना होगा। हमें अपनी सपनों की एक संभावित दृश्य एवं मुकम्मिल तस्वीर बना कर आगे बढ़ना होगा। सच्चाई, ईमानदारी और अच्छाई से जुड़ी चीजों के बारे में सोचने से ही हमारे विचार में सकारात्मक बदलाव होगी। और इसके साथ-साथ ही हमारी सोच सकारात्मक बन जाएगी !,,,,,,
Nice
ReplyDeleteNice
ReplyDelete🙏🙏👌
ReplyDelete💐💐💐
ReplyDeleteNice thaught
ReplyDeleteThanks for motivation
ReplyDeleteThanks & Welcome💐💐💐
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