बड़े लोगों की बड़ी सोंच ।

अक्सर हमलोग ये सोंच कर थक जाते है कि हमारे समाज में ही कुछ लोग वही काम करते है जो मैं भी करता हूँ। परन्तु वह इंसान उसी काम को करते हुए तरक्की पा रहा है और हम वही के वही है। आज चलिये हमलोग इसका कारण ढूँढते है। इसके लिए एक छोटी सी कहानी पढ़ते है, शायद इस कहानी में हमारा जवाब मिल जाए।,,,,,,,
एक बाज़ार में एक नये व्यापारी ने शक्कर की दुकान खोली। उसने बाजार भाव से कम कीमत पर शक्कर बेचना शुरू किया। बाकी शक्कर व्यापारियों को लगा कि वह ग्राहक बनाने के चक्कर में ऐसा कर रहा है। सभी व्यापारियों को यह विश्वास था कि थोड़े ही दिनों में वह भाव को बढ़ा देगा, अथवा दुकान ही बंद कर देगा।
लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, उसका ग्राहक और भी बढ़ता चला गया। और धनवान भी बनता चला गया। कई साल बीत गए परंतु उसने शक्कर के दाम भी नहीं बढ़ाए। तब तक अन्य व्यापारियों के ग्राहक उनसे टूट रहे थे। वे कम दाम पर बेचने का रहस्य नहीं समझ पा रहे थे।
आखिरकार एक व्यक्ति ने उस नये दुकानदार से पूछा - आप अन्य दुकानदारों की अपेक्षा इतने कम मूल्य पर शक्कर कैसे बेचते है? आप कमाते क्या है?
उस दुकानदार ने मुस्कुराते हुए कहा - अन्य लोग शक्कर से कमाते है लेकिन मैं बोरी से कमाता हूँ। मुझे प्रत्येक खाली बोरी बेचने पर 50 रूपये बचते है। पहले मैं दिन में कुल 5 बोरी बेचता था और अब मैं 100 बोरी बेचता हूँ। यही मेरी छुपी हुई कमाई है।
दोस्तों,,, अब मुझे लगता है कि आपको अपना जवाब मिल गया होगा। मैं थोड़ा स्पष्ट कर दूँ कि दुनिया में कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता हैं। बस जरुरत है सिर्फ थोड़ी सी सोंच और तरीके की बदलाव की।
खुद पर विश्वास करें ! और आगे बढे!!
आगे पढ़ो : जीवन की समस्याएँ एवं समाधान।
Think about..
ReplyDeleteGreat
ReplyDelete💐💐💐
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